तीन मुख्य बदलाव जो भारत को करने होंगे विश्व कप 2019 से पहले

Published on: Jul 18, 2018 6:35 pm IST|Updated on: Jul 19, 2018 3:45 pm IST

भारत बनाम इंग्लैंड | भारत बनाम इंग्लैंड – बड़ी सीख

 

एकदिवसीय क्रिकेट मे भारत की जीत का सफर, कल इंग्लैंड के हाथों एकदिवसीय श्रंखला हारने के बाद रुक गया है. कल लीड में निर्णायक मुकाबले मे भारत को कराई परास्त का सामना करना पड़ा. यह जनवरी 2016 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हारने के उपरांत, भारत की पहली द्विपक्षीय श्रंखला में परास्त थी. और विराट कोहली की कप्तानी में पहली हार. (लगातार आठ श्रंखला जीतने के बाद) मोटे तौर पर देखा जाए तो हार से यह सीखने को मिल सकता है कि आखिर भारत को किस तरह का सेटअप चाहिए, विश्व कप से पहले. पिछले कुछ समय से भारत ने सफेद गेंद क्रिकेट में अपनी पैठ खोई है. और सभी का मानना है कि यही वक़्त है जब टीम की अच्छाई और बुराई पर नज़र डाली जाय.
इस आर्टिकल में मैं आपको बताउंगी उन तीन मुख्य चीजों के बारे मे जिनपर भारतीय टीम को काम करना पड़ेगा.

 

कुछ इस तरह है मेरी राय :

 

1) तेज गेंदबाजी मे विकल्प 
ऑस्ट्रेलिया मे भारत की हार के बाद, तीस महीनो तक विजय अभियान का हिस्सा रहे,पारी ओपन करने वाले भुवनेश्वर और जसप्रित पर काफी भार है. यह जोड़ी कोहली को मैच की शुरुआत मे ही विकेट मुहैया करा देगी जिससे स्पिन गेंदबाजों को आगे दबाव बनाने मे मदद मिलेगी. पिछली एकदिवसीय  श्रृंखला जो कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उन्ही की जमीन पर खेली गई थी, उसमें इसी रणनीति के तहत कुलदीप और चहल की स्पिन जोड़ी ने सबसे ज्यादा विकेट चटकाए थे. कुलदीप ने 17 और चहल के हाथ 16 विकेट आए थे, जस्प्रिट तेज गेंदबाजी मे सबसे किफायती रहे.
भुवनेश्वर और बुमराह  की सफलता के बाद, भारत ने और किसी तेज गेंदबाज को लगभग नहीं आजमाया. मोहम्मद सामी और उमेश यादव जैसे गेंदबाज लगभग बाहर ही बैठे रहे. उन्हे ऑस्ट्रेलिया जैसे बड़े विपक्षी के खिलाफ भी नहीं खिलाया गया.

 

भारतीय टीम का तेज गेंदबाजी को न मजबूत करना, उस वक़्त बिल्कुल खराब साबित हुआ, जब बूमराह ने खुद को चोटिल कर लिया. बूमराह के टीम से बाहर होने के बाद भारत ने शार्दुल ठाकुर और दीपक चाहर जैसे गेंदबाज भी आजमाए. पर इनमे से कोई भी टीम से खेलने की और इतनी बड़ी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं था. यह इस बात का संकेत है कि भारत को आने वाले दिनों में अपनी तेज गेंदबाजी पर ध्यान देना होगा, तभी वे विश्व कप में कुछ अच्छा करने की उम्मीद रख सकते हैं.

 

2) निचला मध्य क्रम 

 

बीते सालो मे यह साफ निकल कर आया है कि पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अब उस तरह की बल्लेबाजी और फिनिश नहीं कर पा रहे जिस तरह वे अपने शुरुआती दिनों में किया करते थे. उम्र का तकाजा धोनी पर साफ नज़र आता है, और टीम मैनेजमेंट उन्हे नंबर पांच से नीचे उतारने का सोच भी नहीं सकती. धोनी को अपने साथी बल्लेबाज जैसे नंबर 4 और नंबर 6 से भी कोई साझेदारी का मौका नहीं मिल रहा. पिछले मैच में वे जब बल्लेबाजी करने आए तभी तुरंत भारत मे विराट का विकेट खो दिया और उसी ओवर में रैना भी चलते बने. सुरेश रैना को टीम में शामिल करने का मुख्य कारण यही था कि जब मुख्य गेंदबाजी की लय खराब हो तब वे एक सहायक गेंदबाज की भूमिका अदा कर सकें. गौरतलब है कि रैना ने आईपीएल में एक भी ओवर नहीं फेंका था. रैना ने एक बल्लेबाज के तौर पर भी अपनी कोई छाप नहीं छोड़ी. मुश्किल समय पर उन्होने अपना विकेट गवां दिया.
क्या रैना उम्दा विकल्प है निचले मध्य क्रम मे बल्लेबाजी करने के लिए? जवाब है बिल्कुल नहीं, और कोहली कुणाल पांड्या, दिनेश कार्तिक, या हार्दिक पंड्या को इस जगह पर उतार सकते हैं.

 

3) नंबर चार की दुविधा 

 

दस से ज्यादा बल्लेबाजों को नंबर 4 पर खिलाने के बावजूद भारत के पास अबतक कोई पुख्ता हल नहीं आया है इस जगह के लिए. जहां युवराज सिंह को चैम्पियन ट्राउफी में खिलाया गया था, वही अजिंक्य रहाणे और मनीष पांडे को दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर इस स्थान पर जगह मिली थी. अभी हाल ही में इंग्लैंड दौरे पर दिनेश कार्तिक और के एल राहुल को भी इस जगह ट्राई किया गया था. गौरतलब है कि इतना सब करने के बावजूद  अबतक भारत को इस समस्या का कोई हल नहीं मिला. मेरी राय में इस समस्या के दो हल हैं.

 

*अगर भारत राहुल को खिलाना चाहता है तो उन्हे उपरी क्रम में ही खिलाना पड़ेगा. भारत में टी20 में यह दिखाया था कि विराट ने अपना क्रम छोड़कर, राहुल को अपनी जगह दी थी. मेरी नज़र में विराट को अब ऐसा एकदिवसीय क्रिकेट में भी करना होगा. नंबर चार पर बल्लेबाजी करते हुए विराट पारी को अपने हिसाब से संभाल सकते है, कब पारी को गति देनी है और कब उसे धीमा करना है, यह सब विराट नंबर चार पर रहते हुए कर सकते हैं. कोहली के लिए यह नया क्रम नहीं है, वे पहले भी इस स्थान पर बल्लेबाजी कर चुके हैं. उन्होने इस स्थान पर खेलते हुए, 37 पारी में 58.13 की औसत और 90.41 के स्ट्राइक रेट से 1744 रन बनाए हैं.
*दूसरा हल यह हो सकता है कि यदि विराट अपना क्रम नहीं छोड़ते तब अंबाती रायडू को टीम में मध्य क्रम में जगह दी जा सकती है. रायुडू ने अबतक  30 एकदिवसीय मैच में 50 की औसत से रन बनाए हैं, और इस वर्षा के आईपीएल में भी उनका प्रदर्शन जबर्दस्त था.
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Top 3 things India needs to address ahead of 2019 World Cup

Published on: Jul 18, 2018 4:59 pm IST|Updated on: Jul 18, 2018 5:02 pm IST

Top 3 things India needs to address

India vs England| IND vs ENG The Big Picture

India’s dream run-of-form in the ODI format came to a screeching halt after they fell to a 1-2 defeat at the hands of England at Leeds yesterday. This was India’s first bilateral series defeat since January 2016 (1-4 against Australia) and a first under the leadership of Virat Kohli (having won eight on the bounce).

In practicality, this loss was exactly what the India white-ball set-up needed ahead of the World Cup. India has had some recurring issues in their while-ball team for some time now. And it’s only fitting it came to the fore in the nick of time and gives the team to plug in the holes and emerge as a more potent unit.

Today, in this article, I’ll list down the top 3 things Indian ODI team needs to address ahead of the 2019 World Cup.

Here’s my compilation:-

#1 Backup fast bowlers

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ImageSource@Zee

Part of India’s success after their 1-4 drubbing against Australia some 30 months ago was built on their highly successful opening pair of Jasprit Bumrah and Bhuvneshwar Kumar.

The duo would give Kohli early wickets in the first ten overs to set-up the game for the spinners in the middle-overs while choking the life out of the opposition batsmen in the death overs. In the recently concluded ODI series in South Africa, as-much-as India’s success was attributed to the wrist-spinning duo of Kuldeep (17 wickets) and Chahal (16 wickets), Bumrah was India’s next-best bowler with eight wickets at an economy of a mere 3.98.

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The success of Bhuvi-Bumrah meant India never tried their backup fast bowlers. The likes of Mohammed Shami and Umesh Yadav warmed the bench for a major part of last year barring a dead-rubber against Australia, which India lost, and the team went back to their tried and tested pair.

The lack of investment in backup fast bowlers came back to haunt the ‘Men in Blue’ when Bumrah got injured just before the limited-overs leg of England. India roped in Shardul Thakur, Deepak Chahar and the likes of Siddarth Kaul but clearly, none of them is ready yet to step-up to the rigours of International cricket, and the signs are clear that India needs to create a poo of backup bowlers and give them enough game-time in-case one of the prime bowlers gets injured ahead of the World Cup.

#2 Lower-Middle Order

ImageSource@Getty

It’s clear that MS Dhoni is no-more a finisher that we were so accustomed to seeing all these years. The age-factor has finally caught up with the talisman and if the team’s management wants to feature him in their scheme of things, Dhoni can’t bat below than No.5. The instability around No.4 and No.6 is not helping Dhoni’s cause either. In the third ODI when Dhoni came to bat, India lost Kohli and then almost immediately, Suresh Raina.

One main reason for Raina’s inclusion into the ODI side was his ability to serve the role of a sixth bowler in-case one of the main bowlers was having an off-day. And to add to the irony, Raina did not bowl a single over in the 2018 IPL. He didn’t justify his place as a batsman either; often failing at crucial moments and build on the momentum during the middle-overs.

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Is he the best option for India in the lower-middle order going into the World Cup? The answer is, unfortunately, no, as of now, and I think chanced must be given to the likes of Krunal Pandya, Dinesh Karthik to assume the role of a finisher along Hardik Pandya at No.7.

#3 The No-4 conundrum

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After having tried as many as 10 different batsmen for the No.4 spot, India still can’t find a solution to their No.4 riddle. From Yuvraj Singh in the Champions Trophy to Manish Pandey (throughout 2017) and Ajinkya Rahane in the South African tour to going back to KL Rahul in England and then dropping him in-favour of Dinesh Karthik, India has completed a full-circle and are yet to find an answer. In my view, there are two ways of solving the riddle.

  • If India wants KL Rahul in their scheme of things for the 2019 World Cup- he has to bat in the top-order. India showed the flexibility in the T20 format where Virat pushed himself at No.4 to accommodate Rahul in the top-order. I think it’s time to do the same in ODI cricket. Virat batting at No.4 will allow him to control the innings in the middle-overs in-case the top-3 fall cheaply. Kohli is no stranger to the No.4 spot. He batted at the same position during the 2011 World Cup. He has thus far played 37 innings at No.4 and has accumulated 1744 runs at an average of 58.13 and strike-rate (90.41) of just a shade over 90.
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ImageSource@Zee
  • Secondly, If Virat continues batting at No.3, India should slot-in specialist middle-order batsman like Ambati Rayudu. Raydu averaged 50 in 30 ODI matches and has been in scintillating form this year.
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