बर्थडे स्पेशल: बेहद संघर्ष और कठिन परिस्थितियों से गुजर माही ने हासिल किया है मुकाम
Published on: Jul 7, 2019 2:25 pm IST|Updated on: Jul 7, 2019 2:26 pm IST
झारखंड के डीएवी जवाहर विद्या मंदिर स्कूल में अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत करने वाले 14 वर्षीय उस लड़के में कुछ अलग बात थी। क्रिकेट के प्रति दीवानापान ऐसा की जून की जलती धूप में भी स्कूल के बाद तीन घंटे अभ्यास करना, राह आसान बिलकुल नहीं थी पर वो कहते है ना..
मंजिल उन्हें मिलती है जिनके सपनों में जान होती है,पंख से कुछ नहीं होता हौसले से उड़ान होती है। कुछ ऐसा ही जज्बा था रांची के उस होनहार विकेटकीपर बल्लेबाज में। किसको पता था की रांची के छोटे से शहर में जन्मा ये लड़का एक दिन क्रिकेट जगत में अपना राज कायम करेगा।
जी हां हम बात कर रहे भारतीय टीम के कोहिनूर कह जाने वाले महेंद्र सिंह धोनी की…खड़गपुर स्टेशन पर टिकट कलैक्टर की नौकरी छोड़ने के उस फैसले ने माही की जिंदगी को बदल दिया। क्रिकेट के इस जादूगर का आज 38वां जन्मदिन है।
गोलकीपर से विकेटकीपर तक की कहानी
धोनी को बचपन में फुटबॉल खेलने का बहुत शोक हुआ करता था। माही को गोलकीपिंग करते वक्त उनके स्कूल के स्पोर्टस टीचर ने देखा,यही वो पल था जहां से धोनी के क्रिकेट करियर को जन्म मिला। इसके बाद माही ने पीछे मोड़ कर नहीं देखा।
4 World Cups ????
4 Different Looks ??
Which one do you like the most? Take a pick #HappyBirthdayDhoni ?? #TeamIndia pic.twitter.com/74F7tCpfBw— BCCI (@BCCI) July 6, 2019
हालांकि भारतीय टीम में पहुंचने के लिए धोनी को खासा लंबा इंतजार भी करना पडा ,पर धोनी ने कभी खुद को हारने नहीं दिया और जिंदगी की पिच पर माही खूटा गांड कर खड़े रहे।
टिकट कलैक्टर की नौकरी छोड़ना बड़ा फैसला
स्पोर्ट्स कोटे में धोनी को साल 2001 में खड़गपुर स्टेशन पर टिकट चेकर के तौर पर नौकरी मिली। उस समय उनको 3,000 वेतन मिलता था। लेकिन क्रिकेट के इस जाबांज ने कुछ बड़ा करने की ठान ली थी।
2 साल संघर्ष करने के बाद माही ने आखिरकार 2003 में अपनी नौकरी छोड़ने का फैसला किया और फिटनेस को बेहतर करने में जुट गए। इसके बाद बंगाल के पूर्व कप्तान प्रकाश पोद्दार ने धोनी के खेल को देखा और चयनकर्ता कमेटी के चैयरमैन किरण मोरे को माही की जबर्दस्त हिटिंग पावर से अवगत कराया।
इंडिया ए में हुआ सिलेक्शन
2004 में नॉर्थ और ईस्ट जोन के बीच हुए मैच में धोनी को चयनकर्ता के सामने अपनी काबिलियत दिखाने का मौका मिला।
धोनी ने इस मैच में विकेटकीपर के तौर पर कुल 5 कैच लपके, जबकि बल्लेबाजी में 47 गेंदों में 60 रन बनाए। इसके बाद माही का सिलेक्शन इंडिया-ए टीम में हुआ, जहां उन्होने अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया।
यह भी पढ़े – CWC 2019: कोहली के साथ क्रिकेट में हाथ आजमाते नजर आया फुटबॉल का ये दिग्गज खिलाड़ी
2004 में मिला भारत के लिए खेलना का मौका
इंडिया-ए के लिए दमदार प्रदर्शन करने के बाद साल 2004 में धोनी को पहली बार बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज में भारत की जर्सी में खेलना का मौका मिला। हालांकि इस सीरीज में माही ने 4 पारियों में महज 12 रन बनाए।
विशाखापतनम में पाकिस्तान के खिलाफ खेली 148 रनों की शानदार पारी के बाद हर कोई धोनी का कायल हो गया। इसके बाद माही ने जो भारत क्रिकेट के लिए किया जो इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में लिख उठा।
देखें धोनी के जन्मदिन पर हमारी खास पेशकश…
https://www.youtube.com/watch?v=_NpjxhAX8Tk