क्रिकेट इतिहास के वो तीन कप्तान जो अपनी टीम को नहीं दिला पाए भारत में टेस्ट जीत
Published on: Jan 9, 2019 12:32 pm IST|Updated on: Jan 9, 2019 12:32 pm IST
विदेशों में किसी भी सीरीज को जीतना, हर कप्तान का सपना होता है. कई ऐसे महान कप्तान हुए हैं जिन्हें सीरीज तो दूर की बात है. उन्हें एक टेस्ट मैच भी जीतने का मौका नहीं मिला है. ये हम आपको भारत के संदर्भ में बता रहे हैं. जी हाँ, भारत में जीतना किसी भी टीम के लिए टेढ़ी खीर साबित हुआ है.
ऐसे दौर में जब कोई भी टीम अपने होमग्राउंड में मेहमान को जीत की सुगंध तक लेने नहीं देती. आइये आपको बताते हैं उन तीन महान कप्तानों के बारे में जिन्हें कभी भी भारत में टेस्ट मैचों में जीत नहीं मिली.
1) रिकी पोंटिंग :
इस लिस्ट में सबसे बड़ा और हैरानी करने वाला नाम रिकी पोंटिंग का है. जी हाँ, वो पोंटिंग जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया को दो-दो अपनी कप्तानी में विश्वकप जिताए हैं.
जानें कितने मैच और सीरीज ऑस्ट्रेलिया ने विदेशी सरजमीं पर जीती है. मगर, आपको ये जानकर हैरानी होगी कि पोंटिंग की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को कभी भी भारत में टेस्ट जीत नसीब नहीं हुई.
साल 2004 में पोंटिंग को पहली बार कप्तानी का मौका मिला था. लेकिन, इस मैच में उन्हें हार मिली. इसके बाद साल 2008 के बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में पोंटिंग की टीम को भारत ने चार मैचों की इस टेस्ट सीरीज में 2-0 से मात दी थी. दो साल बाद फिर ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत दो मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने आई थी.
और यहाँ भी उन्हें 2-0 से करारी शिकस्त मिली थी. आपको बता दें, रिकी पोंटिंग ने भारत में अपनी कप्तानी में सात टेस्ट मैच खेले. इस दौरान टीम को पांच मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा. तो 2 मैच ड्रा साबित हुए थे.
2) स्टीफन फ्लेमिंग :
न्यूजीलैंड के सबसे सफल कप्तानों में गिने जाने वाले स्टीफन फ्लेमिंग भी इस मामले में दुर्भाग्यशाली रहे हैं. फ्लेमिंग ने भारत में 5 टेस्ट मैचों में कप्तानी की.
जिनमें 4 मुकाबले ड्रा और 1 में किवी टीम हार का सामना करना पड़ा था. साल 1999 में फ्लेमिंग की कप्तानी में न्यूजीलैंड टीम की भारत टेस्ट सीरीज खेलने आई थी.
तीन मैचों की इस टेस्ट सीरीज को भारत ने 1-0 से अपने नाम किया था. फ्लेमिंग के लिए अच्छी बात ये रही कि वह दो टेस्ट मैच ड्रा कराने में सफल रहे. इसके बाद 2003 में फिर टीम भारत दौरे पर दो टेस्ट मैच खेलने पहुंची थी. दोनों मैच ड्रा कराके न्यूजीलैंड टीम घर लौटी थी.
3) माइकल क्लार्क :
पोंटिंग के रिटायरमेंट के बाद माइकल क्लार्क को ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी मिली. साल 2012-13 में कंगारू बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज खेलने इंडिया आई थी. यहाँ, भारतीय शेरों ने कंगारूओं को 3-0 से खदेड़ दिया था. ये वही टेस्ट सीरीज थी.
जिसमें मिचेल जॉनसन, शेन वाटसन, जेम्स पैटिंसन और उस्मान ख्वाजा के आपसी संबंधों में कड़वाहट के चलते बैन लगा दिया गया था. ये चारों खिलाड़ी मोहाली टेस्ट मैच खेल नहीं पाए थे. खैर, इसके बाद माइकल क्लार्क कभी भारत टेस्ट मैच खेलने ही नहीं आ सके.
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