AUS vs IND 2018-19: लाला अमरनाथ से कोहली तक, ऐसा रहा भारतीय टीम का ऑस्ट्रेलियाई दौरा
Published on: Dec 2, 2018 8:18 pm IST|Updated on: Dec 3, 2018 5:44 pm IST
भारतीय क्रिकेट ने 71 साल के इतिहास में करीब करीब सब हासिल कर लिया हैं.चाहे बल्लेबाजों के अच्छे रिकॉर्ड हो या गेंदबाजों की धुआंदार गेंदबाजी जो एक टीम कर सकती है.वह सभी रिकॉर्ड भारतीय टीम के पास हैं. लेकिन ‘डाउन अंडर’ का गढ़ आज भी भारतीय टीम के लिए अजेय बना हुआ है. डाउन अंडर… यानी, ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड. जी हां, ऑस्ट्रेलिया ऐसा देश है जहां,भारत का टेस्ट सीरीज में जीत का रिकॉर्ड बहुत ही ख़राब रहा हैं. आज़ाद भारत (1947) के बाद भारत ने अभी तक ऑस्ट्रेलिया में 11 सीरीज खेले हैं। जिसमें भारत ने सिर्फ 5 मैच जीते हैं।
पहला टेस्ट हारा था भारत
ऑस्ट्रेलिया भारत के क्रिकेट रिश्तों की शुरुआत 1947 में मिली आजादी के तीन महीने बाद हुई. भारतीय टीम ने नवंबर 1947 में ब्रिस्बेन में ऑस्ट्रेलिया में पहला टेस्ट मैच खेला था.जिसमें भारत को 226 रन से शिकस्त झेलनी पड़ी. डॉन ब्रैडमैन ने इस मैच में 185 रन की पारी खेली थी.
लाला अमरनाथ की अगुवाई में गई भारतीय टीम को इस सीरीज के पांच मैचों में से चार में हार का सामना करना पड़ा. सीरीज का दूसरा मैच ड्रॉ रहा. हालांकि, इसमें भारतीय टीम की हार की सबसे बड़ी वजह बारिश थी. आपको बता दें, भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 71 साल में 11 टेस्ट सीरीज खेली हैं. इनमें से पॉंच सीरीज में भारत ने जीत दर्ज की.
1977 में भारत को मिली दो मैच में जीत
साल 1947 और 1967 में दो लगातार सीरीज में 0-4 से हारने वाली भारतीय टीम को पहली बार ऑस्ट्रेलिया में जीत हासिल हुई. बिशन सिंह बेदी के हाथों में कप्तानी की कमान वाली टीम की शुरुआत बेहद खराब हुई थी. लगातार दो टेस्ट हारकर सीरीज हारने की कगार पर पहुंचे भारत ने मेलबर्न में जोरदार वापसी की.
1. 222 रनों की बड़ी जीत
भारत ने पहली पारी में महज 256 रन का स्कोर खड़ा किया . पारी में सुनील गावस्कर और चेतन चौहान अपना खाता भी नहीं खोल पाए थे. भागवत चंद्रशेखर ने करिश्माई गेंदबाजी करते हुए पहली पारी में 6 विकेट झटक कंगारू टीम को 213 रन पर ढ़ेर कर दिया.
दूसरी पारी में गावस्कर ने शानदार 118 रन की पारी खेल भारत को 343 तक पहुंचने में मदद की. ऑस्ट्रेलिया के सामने 387 का लक्ष्य था.चंद्रशेखर ने दूसरी पारी में भी 6 विकेट झटके, कप्तान बेदी ने चार विकेट हासिल कर ऑस्ट्रेलिया को 164 रन पर ऑलआउट कर मैच 222 रन से जीत इतिहास रच दिया.
2. 2 रन से मिली जीत
सीरीज के चौथे मैच में भारत ने ऑस्ट्रेलिया पर 2 रन की बड़ी जीत हासिल कर सीरीज में बराबरी कर ली. ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 131 पर समेटने के बाद भारत ने 396 रन पर पारी खेली और,दूसरी पारी में कंगारू टीम को 263 रन पर सिमटा दिया और भारत ने इस पारी से जीत दर्ज की। इस मैच में कप्तान बेदी ने 5, चंद्रशेखर ने 6 और ईरापल्ली प्रसन्ना ने 5 विकेट हासिल किए थे. हालांकि,सीरीज का आखिरी मैच ऑस्ट्रेलिया ने 47 रन से जीत कर सीरीज 3-2 से अपने नाम की थी.
3. मेलबर्न में 59 रनों की जीत
साल 1981 में भारतीय टीम की अगुवाई कर रहे कप्तान सुनील गावस्कर की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया खेलने पहुंची थी. तीन मैचों की सीरीज का पहला मैच ऑस्ट्रेलिया ने 4 रन से जीता था. दूसरा मैच भारत ने ड्रॉ कराया और तीसरे मैच में 59 रन से जीत दर्ज कर पहली बार सीरीज में 1-1 की बराबरी पर जीत दर्ज की.
4. एडिलेड में 4 विकेट की शानदार जीत
2003 में सौरव गांगुली की कप्तानी में भारतीय टीम ने सीरीज में बढ़त बनाई थी. ब्रिसबेन का पहला मैच ड्रॉ होने के बाद भारत ने ऑस्ट्रेलिया पर 4 विकेट से जीत हासिल की थी. ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 556 रन के जवाब में राहुल द्रविड के 233 और वीवीएस लक्ष्मण के 148 रन बदौलत भारत ने 523 रन बनाये थे.
दूसरी पारी में अजीत अगरकर ने यादगार गेंदबाजी करते हुए 6 विकेट झटके और कंगारू टीम को 196 रन पर समेट दिया. भारत के सामने 230 रन का पहाड़ जैसा लक्ष्य था.सहवाग के 47 और राहुल द्रविड के 72 रन की बदौलत भारत ने 6 विकेट खोकर जीत दर्ज की.
5. पर्थ में 72 रन की जीत
भारतीय टीम 2008 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अनिल कुंबले की कप्तानी में पर्थ में यादगार जीत के साथ वापस लोटी थी. भारत ने पहली पारी में 330 रन बनाने के बाद ऑस्ट्रेलिया को 212 रनो पर ऑलआउट करके बड़ी कामयाबी हासिल की. भारत ने दूसरी पारी में 294 रन बनाए और कंगारू टीम को 413 रन का लक्ष्य दिया था.
340 रन पर ऑस्ट्रेलिया को ऑलआउट कर भारत ने 72 रन से ये मैच अपने नाम किया. इरफान पठान ने इस मैच में पहली पारी में 28 और दूसरी में 46 रन बनाए और मैच में उन्होंने 5 विकेट भी चटकाए थे जिसकी वजह से उनको प्लेयर ऑफ द मैच का ख़िताब दिया गया.