India vs New Zealand: डेरिल मिशेल के आउट होने पर हो गया ड्रामा, जानें क्यों
Published on: Feb 8, 2019 4:23 pm IST|Updated on: Feb 8, 2019 4:24 pm IST
क्रिकेट में कई बार मैदानी अंपायर अपने फैसले को लेकर दुविधा में फंस जाते हैं। या फिर कई बार टीम ही अंपायर के फैसले से सहमत नहीं होती है। ऐसे में तीसरे अंपायर की मदद ली जाती है। लेकिन कई बार तीसरे अंपायर का फैसला आने के बाद भी दुविधा बनी रहती है। न्यूजीलैंड और भारत के बीच ऑकलैंड में खेले गए दूसरे टी-20 मैच में तीसरे अंपायर ने बल्लेबाज को आउट दिया। लेकिन न्यूजीलैंड की टीम इससे संतुष्ट नजर आई।
क्या है पूरा मामला
न्यूजीलैंड की पारी का छठा ओवर चल रहा था और अपने ओवर में पहले ही क्रुणाल पंड्या कॉलिन मुनरो को आउट कर चुके थे। उनके ओवर की आखिरी गेंद पर न्यूजीलैंड के बल्लेबाज डेरिल मिशेल बल्लेबाजी कर रहे थे। क्रुणाल ने उनके खिलाफ LBW की अपील की। अंपायर ने उन्हें आउट करार दिया।
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मिशेल अंपायर के इस फैसले से असहमत थे। उन्होंने सामने वाले छोर पर खड़े अपने कप्तान केन विलियमसन से सलाह की। मिशेल का कहना था कि गेंद उनके बल्ले से लगी है और ऐसे में उन्होंने रिव्यू लेने का फैसला किया। इस फैसले में हॉट स्पॉट में बल्ले पर निशान नजर आया।
इसमें बल्ला पैड से बहुत दूर था इसलिए ये निशान गेंद का ही हो सकता था। लेकिन डीआरएस में तीनों निशान लाल नजर आ रहे थे। बॉल ट्रैंकिंग में गेंद मिडल स्टंप से टकराती हुई नजर आई। तीसरे अंपायर ने मिशेल को आउट करार दिया। उनका कहना था कि गेंद बल्ले से नहीं लगी है।
विलिमयसन और मिशेल अंपायर को हैरानी से देखने लगे। अंपायर ने मिशेल को रुकने के लिए कहा। धोनी विलियमसन और अंपायर से बात करने में व्यस्त थे। तीसरे अंपायर शॉन हेग के इस फैसले से सभी हैरान थे। मिशेल के बचने का एक ही तरीका था कि अगर रोहित अपनी अपील विड्रॉ कर लेते। क्रुणाल ने अपने अगले ही ओवर में विलियमसन को भी LBW कर दिया था और भारत को एक और बड़ी कामयाबी दिलाई।
.@krunalpandya24 strikes again! The arm ball skids on, Williamson looks to pull through square leg, goes under the bat and he's in front.
New Zealand 50/4 after 8 overs https://t.co/QLAqM4Yzf5 #NZvIND pic.twitter.com/DKmEJ2rgPF
— BCCI (@BCCI) February 8, 2019
अंपायर ने क्यों लिया ऐसा फैसला
गौरतलब है कि अब सवाल ये है कि जब भी शक होता है तो इसका लाभ बल्लेबाजी करने वाली टीम को ही दिया जाता है। तो इस मामले में अंपायर ने ऐसा क्यों किया। असल में अंपायर ने स्नीकोमीटर पर देखा कि उनमें बल्ले का कोई किनारा नहीं है। इसलिए उन्होंने कहा कि गेंद बैट से नहीं लगी है। यानी अंपायर ने हॉट स्पॉट से ऊपर स्नीकोमीटर को रखा।