देखिये :- तेंडुलकर और द्रविड़ ने बताया कि लॉर्ड्स पर खेल कर कैसा महसूस होता है

Published on: Aug 9, 2018 3:20 pm IST|Updated on: Aug 9, 2018 3:20 pm IST

Rahul Dravid test

सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ 2000 के दशक के सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी थे. उनकी जोड़ी काफी भरोसेमंद और हर परिस्थिति में रन बनाने वाली थी. इन्होने कई शानदार साझेदारीयों के साथ भारतीय क्रिकेट के नाम को बुलंदी पर पहुंचाया. दोनों ही दिग्गज बल्लेबाज कई कप्तानों के कप्तानी में खेले, और कप्तान के लिए कई मैच जीताकर भी दिये. भारत को सलामी बल्लेबाजों की जोड़ी के लिए हमेशा ही संघर्ष करना पड़ा है, पर सचिन और द्रविड़ की जोड़ी अपने अपने नंबर के अनुसार सबसे उपयुक्त थी.

143 टेस्ट पारियों में इस जोड़ी ने बल्लेबाजी करते हुए कुल 6920 रन बनाए थे, इसमें इनकी औसत कुल 50.21 थी और इन्होने साथ में कुल 20 शतकीय और 29 अर्ध शतकीय पारियां खेली थीं. सीमित ओवर के क्रिकेट में इनकी जोड़ी ने 4117 रन साथ बनाए थे, जिसमें ग्यारह शतक और 14 अर्ध शतक शामिल थे.

तेंदुलकर लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड के औपचारिक फेसबूक पेज पर चलाई गई एक विडियो में बोले, ” यहा आना और खेलना हमेशा ही खास है. मैं लॉर्ड्स पर हमेशा ही अच्छा महसूस करता हूं. दुर्भाग्यवश मैं यहां कभी ज्यादा रन नहीं बना पाया, पर होनर बोर्ड पर कई बड़े नाम नहीं है, इसीलिए मैं ज्यादा निराश नहीं होता.”

https://www.facebook.com/lordscricket/videos/10156476404013398/
दूसरी ओर राहुल द्रविड़ नें तेईस की उम्र में अपना टेस्ट डेब्यू इसी ग्राउंड पर किया था. राहुल ने इस मैदान पर कुल 95 रन बनाए थे. वे अपने पहले ही मैच में 5 रन से शतक से चूक गए थे. राष्ट्रीय टीम से शानदार पारी खेलने के बाद राहुल ने भारत को जीत दिलाई.

इन दोनों महान बल्लेबाजों की जोड़ी की प्रशंसा कई दिग्गज क्रिकेटर कर चुके हैं, जिसमें वकार यूनिस और सौरव गांगुली भी शामिल हैं. एक छोर पर पाकिस्तानी दिग्गज यूनिस ने भारत की जीत का श्रेय इन दोनों की मध्यक्रम में मौजूदगी को दिया तो वहीं सौरव गांगुली ने कहा कि इन दोनों की बल्लेबाजी और आपसी सूझ बूझ के कारण ही भारत विश्व की बड़ी बड़ी टीमों से जीत पाया है.

श्रीलंका के दिग्गज विकेटकीपर बल्लेबाज कुमार संगकारा ने कहा कि इन दोनों खिलाड़ियों के खेलने का तरीका और रनों की गति को कम या ज्यादा करने का हुनर सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है.
जहां क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंडुलकर ने लॉर्ड्स पर कभी शतक नहीं लगाया, वहीं द वॉल ने 2011 में लॉर्ड्स पर शतक लगाया था. भारत की इस मैच में हार का सामना करना पड़ा था, पर द्रविड़ भारत की ओर से दसवें खिलाड़ी थे जिन्होने यहां शतक लगाया हो. आखिरी शतक यहां अजिंक्य रहाणे ने लगाया था. उन्होने भारत के 2014 के दौरे में लॉर्ड्स पर शतक लगाया था. गौरतलब है कि ग्यारह शतक में से भारत को जीत केवल दो बार मिली. पहली बार जब दिलीप वेंगसरकर ने यहां 126 नाबाद बनाए थे, और अजिंक्य रहाणे ने जब 103 रनों की मैच जिताऊ पारी खेली थी.

 

For daily fantasy sports tips on your mobile phone, Fill out the form below

Previous Article
Next Article

Watch: Tendulkar and Dravid reveal what it feels like to play at Lord’s

Published on: Aug 9, 2018 1:44 pm IST|Updated on: Aug 9, 2018 1:45 pm IST

Sachin Tendulkar and Rahul Dravid are hailed as one of the most dependent batting pairs of the Indian cricket team post-2000 era who established a strong brand name and raised the performance bar of the Indian cricket team.

Both the batting legends, having played under different captains and taking the responsibility of captain of their national side dominated in every condition. India may have struggled for opening test pair for a long time, but Sachin & Dravid firmed their playing positions in the team firmly.

Batting together in 143 test innings, the duo amassed 6920 runs at an average of 50.21 with 20 centuries and 29 fifties among both. In the shorter format, Tendulkar & Dravid aggregated 4117 runs with 11 century & 14- fifty stands.

“To come here and play is always special. I have always enjoyed being here at Lord’s. Somehow I couldn’t get big runs here but I also see at the same time that some big name is missing out there on the honours boards,” Tendulkar said in a video posted by Lord’s cricket ground’s official page on Facebook.

https://www.facebook.com/lordscricket/videos/10156476404013398/

 

Rahul Dravid, on other hand made his Test debut at the iconic ground of Lords in summers of 1996 at the age of 23, where the wall constructed an innings of 95, 5 short of his maiden century in the first ever performance playing for the national side. Rahul considered his knock of 95 as a sign of victory.

A lot of legendary cricketers across the globe praised the duo- combination pair of both including Waqar Younis, Saurav Ganguly in their respective speech. On one hand, the Pakistani legend hugely credited the long-term success of middle order batting line-up of Indian cricket to both the players. The then- Indian captain, Ganguly, fondly called “Dada”, termed the phase of Sachin-Dravid era as the starting of winning against top-notch test sides outside the Asian sub-continent.

Kumar Sangakkara, the captain of Sri Lanka who guided its team to finals of ICC Cricket World Cup 2011 in the subcontinent, pointed his views on the magnificent partnership of both the legends on multiple occasions despite of different playing style & level of aggressiveness.

Though the Superman of India, Sachin Ramesh Tendulkar missed the opportunity of a Lords test hundred, Jammy punched his wrist in joy after reaching to his maiden Test hundred at the Mecca of Cricket in 2011. Though India lost the test match against England, Dravid became the 10th Indian having an iconic century at the venue. Till date, 11 Indians scored a ton at Lords, having won only twice when Dilip Vengasarkar scored 126* & Ajinkya Rahane with his match-winning knock of 103 to win the 2nd test of 2014 series.

For daily fantasy sports tips on your mobile phone, Fill out the form below

Previous Article
Next Article