मैं द्विपक्षीय शृंखला को उतना पसंद नहीं करता :- मॉर्गन

Published on: Jul 16, 2018 1:23 pm IST|Updated on: Jul 16, 2018 1:23 pm IST

द्विपक्षीय शृंखला में कुछ बड़ा नहीं,
इयोन मोर्गन की कप्तानी में, बीते शनिवार को इंग्लैंड टीम ने भारत को 86 रनों से शानदार पटकनी दी. पहला एक दिवसीय हारने के बाद यह दूसरा एकदिवसीय मुकाबला शृंखला जीतने या हारने के लिए बहुत मायने रखता था. इंग्लैंड के कप्तान नें यह कहा कि वे  द्विपक्षीय शृंखला को तभी पसंद करते है जब वह इंट्रेस्टिंग हो.
तीसरा एकदिवसीय मुकाबला मंगलवार को खेला जाएगा, जो शृंखला का आखिरी और निर्णायक मुकाबला होगा. इस मुकाबले को जीतने वाली टीम शृंखला जीत जाएगी.
मार्गन में कहा कि, “मैं द्विपक्षीय शृंखला को कुछ ज्यादा पसंद नहीं करता”.
“पर इस तरह के निर्णायक मुकाबले खेलना काफी जरूरी है”.
“मेरी माने तो त्रिपक्षीय शृंखला, ज्यादा बेहतर है क्योकि उसमें हर मुकाबले में कुछ नया सीखने को मिलता है, और लगभग हर मुकाबले में चुनौती नई होती है.”
शृंखला वर्ल्ड कप डिसाइड नहीं करती, 
मोर्गन नें इस बारें में कुछ खास नहीं कहा,इंग्लैंड की जीत उन्हें नंबर वन रैंकिंग पर ले जाएगी.
उनके अनुसार इन मुकाबलों को वर्ल्ड कप से जोड़ना फिजूल है.
उन्होने कहा कि,” नहीं बिल्कुल नहीं. वर्ल्ड कप का फॉर्मैट बदल चुका हैं अब सभी मुकाबले राउंड रॉबिन में खेले जाते है, तो सभी के पास पर्याप्त समय होता है वापसी का. आप अपने मुकाबले के दिन अच्छा खेलिए केवल. और जीत आपकी. परिस्थितियों के अनुसार कुलदीप अच्छी गेंदबाजी कर सकता है, हमें केवल ध्यान लगाकर खेलना है.”
कुलदीप की गेंदबाजी के बारे में पूछे जाने पर मोर्गन ने कहा कि,” हमने उसके खिलाफ अच्छी शुरुआत की थी. और जितना ज्यादा हम उसे खेलेंगे, उसे खेलने में हमे उतनी ही आसानी होगी. उसके खिलाफ आपको ध्यानपूर्वक खेलना होता है, मुझे लगता है कि जो नें यह भली भांति किया. उसके  स्ट्राइक रोटेट की और शांतिपूर्वक खेला.”
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धोनी की गलती नहीं,
अंत में मोर्गन ने बड़े ही साफ रवैये से धोनी की गलती होने या न होने पर जवाब दिया. महेंद्र सिंह धोनी क्रीज पर जब आए तब, स्कोर 140/4 था. तब 23 ओवर में टीम को 323 का टारगेट पार कराने की दरकार थी.
धोनी में जल्दीबाजी न दिखाते हुए, 59 गेंदों पर 37 रन बनाए. मोर्गन ने भारत में काफी  आई पी एल खेला है और वो कहते है कि, ” भारत जैसे देश में जहां आप इतने ज्यादा दर्शकों के आगे खेलते हैं, तब ऐसी प्रतिक्रियाएं आती रहती है.”
“और जब विपक्षी रन बनाते हैं या विकेट लेते है तब पूरे स्टेडियम में सन्नाटा छा जाता है, और विपक्षी के जितने पर पूरे स्टेडियम खाली हो जाते हैं. “

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I don’t like bilateral series too much: Morgan

Published on: Jul 16, 2018 11:55 am IST|Updated on: Jul 16, 2018 11:55 am IST

England World Cup Team

NOTHING BIG IN BILATERAL SERIES

Eoin Morgan is rejoicing the prospect of the ODI series winner at Headingley, Leeds on Tuesday, July 17 after England won the three-match series with a victory by 86 runs over India in the second ODI. But the captain declared he does like bilateral series as such, even one as competitive as this.

The third ODI on Tuesday will decide the series winner.

Morgan said, “I am not a huge fan of bilateral series”.

“But having a game like this is extremely important for us.”

“I do prefer a tri-series. The context. Every game brings along with it something different and significance.”

THIS SERIES DOESN’T DECIDE THE WORLD CUP

But Morgan is not getting ahead of himself, even if England’s win means that they will retain their number one ranking despite the result.

According to him this bears no resemblance to next year’s World Cup final.

“No not at all,” replies Morgan. “The world cup format has changed so much with the Round Robin, so you have a lot of games.You have to turn up and perform well on that day. This will be one of them. Given circumstances, conditions. Kuldeep might bowl really well but we just need to be focussed to play well.”

When asked about Kuldeep’s delivery,Morgan says,”We started better against him. And the more we face him the easier he will be to pick. But you still have to be concentrated. I thought Joe did quite well in that, his rotation of strike, his calm head. I thought we did much better.”

NOT DHONI’S FAULT

Lastly, he chose the diplomatic reply when asked about the majority Indian crowd blaming Mahendra Singh Dhoni as the game slipped away from his side. He came on the crease at 140 for four, with 23 overs left to take India to their target of 323.

Yet Dhoni did not hurry, taking up 59 balls for a modest 37. Morgan, who has plenty of IPL experience, explained,”It is something that happens in India often, and when you are playing in front of a largely Indian crowd, you will get reactions like that.

So when you hit a boundary there will be absolute silence,no one would say anything or even when you take a wicket. In fact,the ground half empties when you are winning.”

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