AFC Asian Cup 2019 : 1964 की रनर-अप भारतीय फुटबॉल टीम का कुछ ऐसा रहा है अब तक का सफर
Published on: Jan 3, 2019 3:54 pm IST|Updated on: Jan 3, 2019 4:05 pm IST
आगामी 5 जनवरी से एशिया का सबसे बड़ा फुटबॉल टूर्नामेंट यानी एएफसी एशियन कप शुरू होने जा रहा है. ये एशियन कप का 17वां संस्करण है. जो संयुक्त अरब अमीरात में खेला जाएगा. इस टूर्नामेंट में एशिया की की टीमें आपस में फुटबॉल खेलती हैं. और जीतने वाली टीम एशियाई चैंपियन कहलाती है. साथ ही उन्हें फीफा कन्फेडरेशन कप में भी हिस्सा लेने के मौका मिलता है.
भारतीय फुटबॉल टीम और एशियन कप
इस टूर्नामेंट की शुरूआत सबसे पहले साल 1956 में हुई थी. तब होंग कोंग ने इस बड़े टूर्नामेंट की मेजबानी की थी. एएफसी एशियन कप के पहले संस्करण में साउथ कोरिया की टीम ने बाजी मारी थी.
After 8 years, the #BlueTigers will take the field in the AFC #AsianCup again! #BackTheBlue all the way in their first match of the tournament, against 118-ranked Thailand, LIVE only on Star Sports. #FanBannaPadega pic.twitter.com/g4s1Brdh7C
— Star Sports Football (@StarFootball) January 2, 2019
राउंड रोबिन के आधार पर साउथ कोरिया को चैंपियन का खिताब मिला था. चूँकि, तीन मैचों में इस टीम ने दो मुकाबले जीते थे. और एक मैच ड्रा रहा था. इजरायल की टीम अंक तालिका में दूसरे स्थान पर रही थी. इसलिए, उन्हें उपविजेता माना गया.
एशियन कप में भारत का इतिहास ?
साल 1964 में पहली बार भारत ने इस टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था. हालांकि, 1960 के एशियन कप में टीम क्वालीफाई करने में असफल रही थी. लेकिन, 1964 में एंट्री लेते ही भारतीय टीम में जबरदस्त प्रदर्शन किया.
भारत ने तीन मैचों में दो जीत और एक हार के साथ 4 अंक हासिल किये. टूर्नामेंट के अंत तक भारतीय टीम दूसरे स्थान (रनर-अप) पर रही. लेकिन, इसके बाद भारतीय फुटबॉल गर्त में चला गया. 1968 में टीम ने एशियन कप में हिस्सा लिया नहीं. जबकि 1972 से लेकर 1980 तक भारतीय फुटबॉल टीम क्वालीफाई कर नहीं सकी.
28 साल बाद मिला मौका
साल 1984 में टीम ने जरूर क्वालिफाई किया. लेकिन, दसवें स्थान पर रही. इसके 28 साल बाद 2011 में भारतीय टीम ने एएफसी एशियन कप के लिए जरूर क्वालीफाई किया. मगर, टीम टूर्नामेंट के अंत तक 16वें स्थान पर रही.
पहले राउंड से ही भारत बाहर हो गया था. फिर 2015 में क्वालीफाई कर नहीं सकी. लेकिन, इस बार मौका मिला है तो देखना दिलचस्प होगा कि सुनील छेत्री की अगुवायी में टीम कैसा प्रदर्शन करती है?